जीवेत शरद: शतम्

‘जीवेम शरदः शतम्’ आज मेरे दादाजी का जन्मदिवस है… उम्र के 90 बसंत का गहरा अनुभव संजोएं हुए दादाजी का आशीष हमें मिलता है…. परमात्मा उत्तम स्वास्थ्य सह दीर्घायु प्रदान करें…. www.arpanjain.com


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SANS Group of Companies Its all about SANS Business Group… *1 SANS Technologies* Arpan Jain CEO & Founder www.sanswebmedia.com *2 SANS Buildcon* Suresh Jain Founder & CMD *3 Khabar Hulchal News* Arpan Jain CEO & Founder www.khabarhulchal.com *4 KNI India* Arpan Jain CEO & Founder www.kniindia.com *5 IndianReporters.com* Arpan Jain CEO & Founder www.indianreporters.com *6 […]


जन्मदिन की शुभेच्छा, पापा

एक शख्स जिसने खुद का यौवन, मेरे जीवन को बनाने में कुर्बान कर दिया,जिसने मेरे हर ख्वाब को पुरा करने के लिए खुद के ख्वाब नहीं देखे, जो मेरी प्रेरणा और सर्वस्व हैं, मेरे जीवन में एक पिता होने के पहले वो मेरे गुरु, प्रेरक और अच्छे दोस्त है… ईश्वर को अनंत धन्यवाद है जो […]


भाजपा के बड़बोले विधायक को इंदौर के पत्रकार का नोटीस

*भाजपा के बड़बोले विधायक को इंदौर के पत्रकार का नोटीस* इंदौर/धार। सरदारपुर के भाजपा विधायक वैलसिंग भूरिया को इंदौर हाई कोर्ट के वकील के माध्यम से इंदौर के पत्रकार अर्पण जैन ‘अविचल’ ने जारी किया 25 लाख का नोटिस। ज्ञात हो 20 सितम्बर को भूरिया ने सरदारपुर में आयोजित खंडस्तरी कृषक सम्मेलन में मंच से […]


पत्रकार ने भेजा विधायक वेलसिंग भूरिया को मानहानी का नोटीस

पत्रकार ने भेजा विधायक वेलसिंग भूरिया को मानहानी का नोटीस


पत्रकार ने भेजा विधायक वेलसिंग भूरिया को मानहानी का नोटीस

Big Breaking… सरदारपुर के भाजपा *विधायक वेलसिंह भूरिया को इंदौर के पत्रकार अर्पण जैन ‘अविचल’ ने जारी किया 25 लाख का मानहानी का नोटिस*… कृषक सम्मेलन में विधायक भूरिया ने पत्रकारों को कहे थे अपशब्द… पत्रकारों की तुलना की थी कुत्ते से… इसी से आहत होकर इंदौर के पत्रकार अर्पण जैन ने जारी किया 25 […]


वेब मीडिया की कानूनी मान्यता में फिसड्डी केन्द्र सरकार

सरकार अब तक वेब मीडिया को कानून के दायरे में नहीं ला पाई.. वरिष्ठ पत्रकार अजय जैन ‘विकल्प’ की खबर दैनिक स्वदेश में 27/09/2017


हिन्दी ही भारत की आत्मा

हिन्दी साहित्य के कुछ नौनिहालों ने आजकल भाषा को अंगवस्त्र बना डाला है, मानो शब्दों को व्याकरण का मैल समझ कर उसे पौंछ कर फैंकने भर को ही साहित्य सृजन मानने लगे हैं | इस दुर्दशा के लिए ज़िम्मेदार भी हमेशा की तरह आज का पाठक वर्ग ही माना जाएगा, जिसने सर आँखों पर बैठाने […]