*एक अनुरोध*
हम सभी जैन किसी न किसी तरिके से जिन आराधना जरुर करते है, उसके साथ ही एक और आराधना स्वरुप ही कार्य है जिसमें *जैन तीर्थ ,मंदिर, उपाश्रय, स्थानक* आदि की जानकारी सहज रुप से उपलब्ध करवाना |
हम चाहे *दिगंबर/श्वेतांबर/स्थानक वासी/ मंदिरमार्गीय/तेरापंथी या अन्य* किसी भी मत को मानने वाले हो परन्तु अंतत: है तो *महावीर प्रभु के अनुयायी ही…*
हम सब चाहे तो एक छोटा-सा कार्य करके भी जिन प्रभावना में उत्कृष्ट योगदान दे सकते है |
सहज रुप से सभी इंटरनेट का उपयोग करते है, यदि हम जहाँ भी रहते है या किसी भी गाँव, नगर, प्रान्त में जाते है और हमारे आस-पास कोई *जैन तीर्थ ,मंदिर, उपाश्रय, स्थानक, भोजनशाला, धर्मशाला, यात्री निवास आदि* है तो उसकी जानकारी गुगल मेप पर अपलोड करें | वहाँ की तस्वीर, सम्पर्क सूत्र आदि यदि सहज उपलब्ध हो जाये तो सोने पर सुहागा होगा |
गुगल मेप पर जानकारी अपलोड करना बेहद ही आसान है, यदि तकनिकी रुप से कोई तकलिफ आती है तो आप मुझसे सम्पर्क भी कर सकते है, व्हाटस्अप पर 9406653005 | या जानकारी मुझे प्रेषित कर दीजिए हम अपलोड कर देंगे |
गुगल मेप पर अपलोड करने से यह लाभ होगा कि भविष्य में यदि कोई हमारा साधार्मिक व्यक्ति या परिवार उस क्षेत्र में तीर्थयात्रा या प्रभु दर्शन करना या स्थानक आदि जाना चाहेगा और गुगुल पर jain temple near me या jain sthanak near me करेगा तो उसके आस-पास की जानकारी उसे सहज उपलब्ध हो सकेगी और उसकी जिन आराधना, भक्ति, जैन भोजन या तीर्थ दर्शन की असीम खोज सम्पन्न हो सकेगी |
जिन प्रचार में आपका समय अर्पण होने का लाभ वर्षों तक जीवंत भी रहेगा | क्योंकि समय अब इंटरनेट क्रान्ति का है, हम इस बहाने ही सही पर जिनशासन के इस पुनित कार्य में सहभागी बन रहें है..
शहरों में आमतौर पर *जैन तीर्थ ,जिन मंदिर, उपाश्रय, स्थानक* आदि खोजने में बहुत समस्या आती है, शहर में नए आए जैन परिवारों की आराधना भी सम्पन्न नहीं हो पाती है, अत: आपसे अनुरोध है कि अगली बार जब भी किसी *जैन तीर्थ ,मंदिर, उपाश्रय, स्थानक* जाएं तो उसकी एक बार जानकारी गुगल पर चेक कर ले, नहीं उपलब्ध होने पर पाँच मिनिट खर्च कर उसे अपलोड कर जिन साधार्मिक भक्ति में सहयोगी बनें |
यदि आपको गुगल में अपलोड करने पर कोई भी समस्या आती है तो तुरंत मुझे 9406653005 पर व्हाटसअप करें या 7067455455 पर फोन कर लेवे, परन्तु जानकारी जरुर अपलोड करें |

आपका,
*अर्पण जैन ‘अविचल’*
www.arpanjain.com
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उक्त मेसेज ज्यादा से ज्यादा जैन ग्रुप में भेज कर जिनशासन गरिमा के डिजीटलाईजेशन में सहभागी बनें |
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