डॉ. वेदप्रताप वैदिक

मुझे इस बात की बड़ी ख़ुशी है कि इन्दौर में डॉ. अर्पण जैन जैसे नौजवान हैं, यह आनंद का विषय है। ऐसे पढ़े-लिखे नौजवान भारत में ढूँढने से नहीं मिलते, जिनको हिन्दी से प्रेम है। हिन्दी प्रेम राष्ट्र को बचाने वाला प्रेम है। ऐसे नौजवान अगर किसी शहर में हैं तो वह शहर भी अपने आप में धन्य है। उनसे मिलकर मुझे पुत्र जन्म-सी ख़ुशी मिली है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *