भाजपा के बड़बोले विधायक को इंदौर के पत्रकार का नोटीस

*भाजपा के बड़बोले विधायक को इंदौर के पत्रकार का नोटीस*

इंदौर/धार।
सरदारपुर के भाजपा विधायक वैलसिंग भूरिया को इंदौर हाई कोर्ट के वकील के माध्यम से इंदौर के पत्रकार अर्पण जैन ‘अविचल’ ने जारी किया 25 लाख का नोटिस। ज्ञात हो 20 सितम्बर को भूरिया ने सरदारपुर में आयोजित खंडस्तरी कृषक सम्मेलन में मंच से पत्रकारों को कहे थे अपशब्द ओर कुत्ते से की थी पत्रकारों की तुलना। आहत होकर पत्रकार ने जारी किया नोटिस।
पत्रकारों को अभद्र शब्द बोलने व कुत्ते के समान तीर मुहँ में डालने की बात कहऩे वाले सरदारपुर (जिला धार) से भाजपा विधायक वेलसिंग भूरिया को पत्रकार अर्पण जैन ‘अविचल’ (सम्पादक- खबर हलचल न्यूज) ने मानहानी का नोटिस अधिवक्ता द्वय ईजराईल शेख व एन. एल. तिवारी (उच्च न्यायालय, इंदौर खण्डपीठ) के माध्यम से भेजा|
पत्रकार अर्पण जैन ने कहा कि ‘सरदारपुर विधायक सत्तामद में परवान पर है, इसी के साथ उन्हें जो हार का डर सता रहा है इसीलिए ठीकरा पत्रकारों पर फोड़ते हुए वे अक्सर अपनी बदजुबानी पत्रकारों पर चलाते है, परन्तु अब पत्रकार नहीं सहेंगे, हमें भी कानूनी तरिकों से जवाब देना आता है |’
विधायक पुर्व में भी स्वयं को एनकाउंटर करवाने के अधिकार होने का दावा कर चुके है जिसके कारण मुख्यमंत्री व प्रदेश भाजपा की बहुत किरकीरी हुई थी| और एक बार को यही वेलसिंग भूरिया खुद को अवतारी पुरुष बताने से भी बाज नहीं आएं |

पत्रकार ने भेजा विधायक वेलसिंग भूरिया को मानहानी का नोटीस

Swaraj express

पत्रकार ने भेजा विधायक वेलसिंग भूरिया को मानहानी का नोटीस

वेब मीडिया की कानूनी मान्यता में फिसड्डी केन्द्र सरकार

सरकार अब तक वेब मीडिया को कानून के दायरे में नहीं ला पाई..

वरिष्ठ पत्रकार अजय जैन ‘विकल्प’ की खबर दैनिक स्वदेश में 27/09/2017

अर्प

Arpan jain avichal

हिन्दी ही भारत की आत्मा

हिन्दी साहित्य के कुछ नौनिहालों ने आजकल भाषा को अंगवस्त्र बना डाला है, मानो शब्दों को व्याकरण का मैल समझ कर उसे पौंछ कर फैंकने भर को ही साहित्य सृजन मानने लगे हैं | इस दुर्दशा के लिए ज़िम्मेदार भी हमेशा की तरह आज का पाठक वर्ग ही माना जाएगा, जिसने सर आँखों पर बैठाने की परंपरा जो डाल रखी हैं |
आख़िर हिन्दी साहित्य सदन का रुदन अब सुनने वाला सुधिजन भी ख़ौखला हो गया है | इसे समय की माँग ना कहते हुए समय की कब्र की अंतिम कील कहने में मुझे कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी ,जिस जीवटता से इस भाषा का सिंचन हुआ आज वो सजीवता के स्वयं के पाँव कब्र में लटके हुए हैं|विधवा विलापी और रुदाली गैंग गायब-सी हो गई जो सृजकों का मानक तय करने की गुस्ताख़ी करने का काम भी अर्पण करती थी| एक अंधे कत्ल की गुत्थी की तरह गैंग ने भी अपने आपको सिकोड़ना शुरू कर दिया और साथ ही साथ भाषा के हत्यारों को जन्म देकर पौसना शुरू कर दिया |

आज हिन्दी दिवस है, वर्तमान में 10-12 राज्यों में हिन्दीभाषी लोग ज्यादा हैं, हम एक प्रयास करें,
केवल अपने हस्ताक्षर हिन्दी में करना शुरु कर दे|

मैं यह नहीं चाहता कि हिन्दी केवल साहित्य सदन की मलिका बन जाएँ, न ही यह चाहता हुँ कि हिन्दी का केवल सम्मान भर होता रहे, बल्कि यह चाहता हुँ कि ‘हिन्दी जनमानस द्वारा स्वीकार्य रहें’*
हिन्दी एक भाषा नहीं वरन् सम्पुर्ण राष्ट्र का चिंतन और चित्रण है…
यदि राष्ट्र को शरीर माना जाएं और उदर यानी पेट उसकी संस्कृति तो जिव्हा उसकी भाषा होगी, और जिव्हा को खराब कर दो, पेट खराब हो जाएगा, और पेट खराब मतलब पुरा शरीर बीमारियों की चपेट में….
सरल-सा व्याकरण है, जो अंग्रेजीयत ने किया…. हमारी भाषा बिगाड़ दी, जिससे हमारी संस्कृति बिगड़ती चली जा रही है, एक दिन सम्पुर्ण राष्ट्र खत्म हो जाएगा…..
आज हमारी भाषा राजभाषा ही सही परन्तु तंत्र के सुचारु गति से संचालन का स्त्रोत है…

आज दुर्भाग्य है इस राष्ट्र का कि यहाँ के प्रधानमंत्री जी *Make In India* योजना की शुरुआत करते है, क्या वे *भारत में निर्मित* शब्द का उपयोग नहीं कर सकते थे?
जिस संविधान प्रदत्त शक्तियों के कारण आप प्रधानमंत्री बनें हो, उन्ही शक्तियों ने हिन्दी को कम से कम राजभाषा का दर्जा तो दिया है, सरकारी तंत्र के कार्यों में तो कम से कम हिन्दी में उपयोग करियें….
शायद आपके इस कदम से गैर हिन्दीभाषियों के विरोध की नौक पर आप आ जाते पर क्या वे संविधान से बढ़कर है?

मैनें मेरे अब तक के जीवन में 5000 से ज्यादा पुस्तकें पड़ी है, सैकड़ो गीत सुने है, परन्तु आज भी मुझे *भारत का संविधान* और गीत में *राष्ट्रगान* से ज्यादा किसी पर गर्व नहीं हुआ….
कहीं दुर से भी *जन-गण-मन* का स्वर कानों तक पहुँच जाता है तो यकिन मानिएं अंग-अंग जागृत अवस्था में गर्वित हो जाता है…
संविधान से महत्वपुर्ण कुछ नहीं लगता,
आप तो राष्ट्रनायक की भूमिका में हो… आपसे अब क्या कहें?
हिन्दी एक सम्पुर्ण सत्य है… जो चेतना का गान अर्पण कर रही है…

हिन्दी गौरव गीत का गूंजन है, अभिमान है..
आज हम चाईना की बात करते है, उस राष्ट्र ने भी उसकी आजादी के बाद लगभग 20 वर्षों तक किसी बाहरी को प्रवेश नहीं दिया और आज भी चाइनीज माल पर लेखन चाईनीज भाषा में ही होता है….
यही चाईना का एकाधिकार है…
हम हिन्दुस्तानीयों का दिमाग और श्रम हमारा सर्वस्व है…क्या हम यह नहीं कर सकते??
मैं यह भी नहीं कहता कि हमें अग्रेजी नहीं पढ़ना चाहिए…क्योंकि एक भाषा को जान कर ही हम उस जगह की, राष्ट्र की तासिर , जनमत, परिवेश और संस्कृति के बारे में जान पाएंगे….परन्तु अपनी माँ को छोड़ कर कब तक हम परायों को माँ बनायेंगे?
मुझे 16 भाषाएँ आती है परन्तु मैं संवाद तो हिन्दी में ही करना पसंद करता हुँ….
हमें गर्व हमारी हिन्दी पर होना चाहिए न कि अन्य भाषाओं पर….
हम सब ठान ले तो हमें महाशक्ति बनने से कोई रोक नहीं सकता….
हमारा राष्ट्र कर्मभूमि के संघर्ष का जीवंत उदाहरण है….
समय आएगाँ, बस आपके जागने भर की देर है…
छोटा-सा प्रयोग कीजिए , *अपने हस्ताक्षर हिन्दी में करना प्रारंभ कर दीजिए*
यकिन मानिए, आपको स्वयं ही गौरव की अनुभूति होना शुरु हो जाएगी….

शुरुआत कीजिए,हम जरुर हिन्दी के वैभव से विश्वगुरु बनेंगे…

जय हिन्द- जय हिन्दी

✍🏻 *अर्पण जैन ‘अविचल’*
संस्थापक- मातृभाषा.कॉम
#मातृभाषा #हिन्दी #अर्पण #प्रधानमंत्री #PMOIndia

एक अनुरोध

*एक अनुरोध*
हम सभी जैन किसी न किसी तरिके से जिन आराधना जरुर करते है, उसके साथ ही एक और आराधना स्वरुप ही कार्य है जिसमें *जैन तीर्थ ,मंदिर, उपाश्रय, स्थानक* आदि की जानकारी सहज रुप से उपलब्ध करवाना |
हम चाहे *दिगंबर/श्वेतांबर/स्थानक वासी/ मंदिरमार्गीय/तेरापंथी या अन्य* किसी भी मत को मानने वाले हो परन्तु अंतत: है तो *महावीर प्रभु के अनुयायी ही…*
हम सब चाहे तो एक छोटा-सा कार्य करके भी जिन प्रभावना में उत्कृष्ट योगदान दे सकते है |
सहज रुप से सभी इंटरनेट का उपयोग करते है, यदि हम जहाँ भी रहते है या किसी भी गाँव, नगर, प्रान्त में जाते है और हमारे आस-पास कोई *जैन तीर्थ ,मंदिर, उपाश्रय, स्थानक, भोजनशाला, धर्मशाला, यात्री निवास आदि* है तो उसकी जानकारी गुगल मेप पर अपलोड करें | वहाँ की तस्वीर, सम्पर्क सूत्र आदि यदि सहज उपलब्ध हो जाये तो सोने पर सुहागा होगा |
गुगल मेप पर जानकारी अपलोड करना बेहद ही आसान है, यदि तकनिकी रुप से कोई तकलिफ आती है तो आप मुझसे सम्पर्क भी कर सकते है, व्हाटस्अप पर 9406653005 | या जानकारी मुझे प्रेषित कर दीजिए हम अपलोड कर देंगे |
गुगल मेप पर अपलोड करने से यह लाभ होगा कि भविष्य में यदि कोई हमारा साधार्मिक व्यक्ति या परिवार उस क्षेत्र में तीर्थयात्रा या प्रभु दर्शन करना या स्थानक आदि जाना चाहेगा और गुगुल पर jain temple near me या jain sthanak near me करेगा तो उसके आस-पास की जानकारी उसे सहज उपलब्ध हो सकेगी और उसकी जिन आराधना, भक्ति, जैन भोजन या तीर्थ दर्शन की असीम खोज सम्पन्न हो सकेगी |
जिन प्रचार में आपका समय अर्पण होने का लाभ वर्षों तक जीवंत भी रहेगा | क्योंकि समय अब इंटरनेट क्रान्ति का है, हम इस बहाने ही सही पर जिनशासन के इस पुनित कार्य में सहभागी बन रहें है..
शहरों में आमतौर पर *जैन तीर्थ ,जिन मंदिर, उपाश्रय, स्थानक* आदि खोजने में बहुत समस्या आती है, शहर में नए आए जैन परिवारों की आराधना भी सम्पन्न नहीं हो पाती है, अत: आपसे अनुरोध है कि अगली बार जब भी किसी *जैन तीर्थ ,मंदिर, उपाश्रय, स्थानक* जाएं तो उसकी एक बार जानकारी गुगल पर चेक कर ले, नहीं उपलब्ध होने पर पाँच मिनिट खर्च कर उसे अपलोड कर जिन साधार्मिक भक्ति में सहयोगी बनें |
यदि आपको गुगल में अपलोड करने पर कोई भी समस्या आती है तो तुरंत मुझे 9406653005 पर व्हाटसअप करें या 7067455455 पर फोन कर लेवे, परन्तु जानकारी जरुर अपलोड करें |

आपका,
*अर्पण जैन ‘अविचल’*
www.arpanjain.com
💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐
उक्त मेसेज ज्यादा से ज्यादा जैन ग्रुप में भेज कर जिनशासन गरिमा के डिजीटलाईजेशन में सहभागी बनें |
💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐

स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं

पासे सभी उलट गए दुश्मन की चाल के
अक्षर सभी पलट गए भारत के भाल के
मंजिल पे आया मुल्क हर बला को टाल के
सदियों के बाद फिर उड़े बादल गुलाल के…

स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभेच्छा…

*अर्पण जैन ‘अविचल’*
Founder & CEO- SANS technologies,
Chief Editor- Khabar Hulchal News
Indore (m.p.)
www.arpanjain.com

With pioneer

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व प्रचारक और भारत रक्षा मंच के राष्ट्रीय संयोजक सूर्यकांत केलकर ‘गुरूजी’ से सौजन्य भेंट…

सम्मान

प्रयास न्यूज एवं ‘गणेश शंकर विद्धयार्थी प्रेस क्लब* ने इंदौर शहर में पत्रकारिता और सफल खबर ग्रुप संचालन हेतु अतिथी डा. भूपेन्द्र गौतम साहब( पुर्व जनसम्पर्क अधिकारी एवं सहायक,मुख्यमंत्री म.प्र), अरविंद तिवारी जी (अध्यक्ष- इंदौर प्रेस क्लब) जितेन्द्र यादव जी (संस्थापक-सेव जर्नलिज्म फाउंडेशन) डा. शरद पण्डित जी (पुर्व संयुक्त संचालक- स्वास्थ्य सेवाएं, इंदौर ) संतोष गंगेले जी (प्रदेश अध्यक्ष- गणेश शंकर विद्धार्थी प्रेस क्लब) ने खबर हलचल न्यूज से मुझे सम्मानित किया…
सादर धन्यवाद प्रयास न्यूज परिवार एवं गणेश शंकर विद्धार्थी प्रेस क्लब का….


 

हस्ताक्षर बदलो अभियान की शुरुआत

इंदौर । अहिल्या नगरी इंदौर के हिन्दीभाषी लोगों द्वारा संस्था ‘मातृभाषा’ के साथ ‘अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस’ मनाया गया। इसमें हिन्दी पोर्टल ‘मातृभाषा डॉट कॉम’ से जुड़े साथियों ने महात्मा गांधी (रीगल टाकीज) चौराहा पर गाँधी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर हस्ताक्षर बदलो अभियान की शुरुआत की गई।

यहाँ पर जनजागरण के लिए हिन्दी में हस्ताक्षर करने का अनुरोध करते हुए आमजन को पत्रक बांटे गए। सभी ने आमजन को पत्रक देकर अनुरोध किया कि,अपने दैनिक कामकाज में अधिक-से-अधिक हिन्दी भाषा का उपयोग करें,ताकि यह मातृभाषा भारत की राष्ट्रभाषा के रुप में स्थापित हो सकेे। सभी से आग्रह किया गया कि,अपने हस्ताक्षर हिन्दी में ही करें। इस दौरान संस्थापक अर्पण जैन ‘अविचल’, अजय जैन ‘विकल्प’ सहित गौरव जोशी, सौरभ जोशी, चेतन बेण्डाले, उदित माहेश्वरी,सौरभ मिश्रा, इरशाद ख़ान, रईस मलिक आदि उपस्थित रहे।

arpan jain avichal