लघुकथा- चुनौती

*चुनौती* सुन निगोड़ी… रोज सुबह उठ कर कहा चली जाती है, रोज के काम करना ही नहीं चाहती, घर के बर्तन, कपड़े, खाना बनाना ये सब कौन करेगा…? तेरी माँ??? नौकरी से ज्यादा जरुरी घर का काम भी है… रमा की सास ने रमा को डाँटते हुए कहा.. इसी बीच रमा का पति आकर कहने […]


स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं

पासे सभी उलट गए दुश्मन की चाल के अक्षर सभी पलट गए भारत के भाल के मंजिल पे आया मुल्क हर बला को टाल के सदियों के बाद फिर उड़े बादल गुलाल के… स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभेच्छा… *अर्पण जैन ‘अविचल’* Founder & CEO- SANS technologies, Chief Editor- Khabar Hulchal News Indore (m.p.) www.arpanjain.com


|| वसुंधरा ||

सौम्य सुधा सब पक्ष हमारा, जीवन का अगणित श्रृंगार | सबकुछ सहकर कुछ ना बोले, वहीं माँ है हमारी तारणहार || तंतु की विवेचना भी सहती, न निकले कभी अश्रु की धार | अहम के टकराव में रहती, धरती माँ है हमारी पालनहार || निश्चल मन, निर्मल स्वअंग है, सबसे ही करती वो भी प्यार | कभी न करती फेर किसी में वहीं धरा है हमारी चिंतनहार || न जाति न रंग भेद है उसमें सबका उस पर है अधिकार | मौन स्वीकृति सबको देती ‘अवि’ वसुंधरा है पुरणहार || अर्पण जैन ‘अविचल‘ इंदौर (म.प्र.)