शहर में पहले की तरह ही हल्ला मचाया जा रहा है कि सरकार हेलमेट न लगाने वालों को अब फिर से पेट्रोल देना बंद कर रही है। भारतीय नागरिक सुरक्षा अधिनियम 2023 का हवाला लेकर इन्दौरी सरकार ने आदेश कि आगामी 1 अगस्त 2025 से बिना हेलमेट लगाये दो पहिया वाहनों को पेट्रोल नहीं मिलेगा। पेट्रोल पंप की निगरानी की जाएगी, उम्मीद की जा रही है कि इस आदेश के बाद सड़क दुर्घनाएँ कम होंगी।
इस तरह के आदेश पहले भी इन्दौर में आ चुके हैं, कुछ ही दिनों में ऐसे आदेश की धज्जियाँ उड़नी शुरू हो जाती हैं, पहले भी जब यह आदेश आया तो पेट्रोल पंप के कैमरे की निगरानी से थोड़ा दूर खड़ा पम्प कर्मचारी हेलमेट मुहैय्या करवाता है, आप पेट्रोल भरवा कर दूसरी ओर से जैसे निकलेंगे, पम्प का ही दूसरा कर्मचारी आपसे वापस हेलमेट ले लेगा। अब इससे तो हेलमेट की अनिवार्यता की भी धज्जियाँ उड़ गईं और यह आदेश भी नाक़ामयाब हुआ।
इसी तरह, इन्दौर नगरीय सीमा में अस्त-व्यस्त यातायात के चलते सामान्य दो पहिया वाहनों की गति प्रायः 20 किमी से 40 किमी तक ही होती है, ऐसी मध्यम गति में वाहनों की टक्कर संभवतः कम या नगण्य होती है।
स्वच्छतम शहर की मुख्य समस्या सड़क दुर्घटना नहीं बल्कि बिगड़ा हुआ यातायात व्यवस्थाओं का ढर्रा, असुरक्षित सड़क मार्ग, आए दिन लगने वाला सड़क जाम, घटिया गुणवत्ता की सड़कें, जिनमें बारिश में तो कई गड्ढों ने अपना घर बना लिया, पुराने मार्ग पर अतिक्रमण, हॉकर ज़ोन की कमी है, पर नगर सरकार ने इस दिशा से ध्यान हटाने के लिए अपना रूख़ हेलमेट की ओर कर लिया। पिछली बार जब इसी तरह का आदेश लाया गया था, तब भी कोई ख़ास कारगर नहीं हुआ, कुछ ही दिनों में इस आदेश को वापस लिया गया। अब फिर इसे लाकर थोड़ी हेलमेट बनाने वाली कंपनियों को लाभ तो पहुँचाया जाएगा, पर धरातल पर फिर वही ढाक के तीन पात।
बात यातायात व्यवस्था दुरुस्त करने की हो रही थी, पर नगर सरकार हेलमेट पर ही अटक गई, ऐसे में हिंदी की एक कहावत याद आती है- ‘आए थे हरि भजन को, ओटन लगे कपास।’
डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’
लेखक एवं पत्रकार
इन्दौर, मध्यप्रदेश