डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ ने हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार और उन्नयन में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया है। वे मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में ‘हस्ताक्षर बदलो अभियान’ और ‘भाषा समन्वय’ जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से हिंदी को बढ़ावा दे रहे हैं। उन्होंने हिंदी पत्रकारिता और साहित्य में भाषा की शुद्धता को प्रोत्साहित भी किया। उन्होंने अपने लेखन और स्तंभों के माध्यम सेल हिंदी भाषा की सांस्कृतिक और सामाजिक महत्ता को उजागर किया है। हिंदी प्रेमियों के हृदय में उनका एक विशिष्ट स्थान सदैव रहेगा और वे उनकी उपलब्धियों और योगदान के लिए बधाई के पात्र हैं।
प्रो.(डॉ.) के जी सुरेश,
