मातृभाषा.कॉम | matrubhashaa.com के बारे में

मातृभाषा.कॉम | matrubhashaa.com

मातृभाषा.कॉम के बारे में

मातृभाषा.कॉम

मातृभाषा.कॉम हिन्दी के प्रचार और प्रसार हेतु एक अंतरताना (वेबसाइट) है जिसका उद्देश्य है हिन्दी के नवोदित और स्थापित रचनाकारों की रचनाओं को सहेज कर लोगों तक ऑनलाइन उपलब्ध कराना, जिससे हिंदी के प्रचार के साथ-साथ रचनाकारों के लेखन से जनसामान्य परिचित हो सके। पटल पर लगभग १२०० से ज़्यादा रचनाकारों की ५००० से ज्यादा रचनाएँ उपलब्ध हैं। अंतरताने पर उपलब्ध समस्त लेखन यूनिकोड में होने से मातृभाषा.कॉम पर उपलब्ध सामग्री को बिना किसी विशेष सॉफ्टवेयर/फ़ॉन्ट के पढ़ा जा सकता है। इस वेबसाइट का सबसे विशिष्ट पहलू ये है कि यह अंतरताना हिन्दी साहित्य के अंकरूपण के साथ-साथ हिन्दी भाषा के विस्तार हेतु भी प्रयासरत है। मातृभाषा.कॉम वेबसाइट को अधिक से अधिक फैलाने के लिए, संस्थान द्वारा नई तकनीक का उपयोग करके डेस्कटॉप और लैपटॉप कंप्यूटर के साथ साथ टैबलेट और मोबाइल फ़ोन पर एप्स के माध्यम से साहित्य उपलब्ध कराया जा रहा है।

इतिहास व विकास

मातृभाषा.कॉम की स्थापना ११ नवम्बर २०१६ को डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ द्वारा की गई थी। अंतरताने को तैयार करने और स्थापित करने के पीछे डॉ जैन का एक मात्र यही उद्देश्य रहा कि हिन्दी साहित्य जगत से जनता को सुगमता से जोड़ते हुए भाषा के प्रचार -प्रसार हेतु एक प्रकल्प स्थापित करना जिसमें हिन्दी के नवोदित एवं स्थापित रचनाकारों को मंच उपलब्ध करवाने के साथ-साथ हिन्दी भाषा को राष्ट्र भाषा बनाने का लक्ष्य निहित है। भारत में मातृभाषा हिन्दी के रचनाकारों की बहुत लंबी सूची है, किन्तु समस्या यह है कि उन रचनाओं को सहेजकर एक ही स्थान पर पाठकों के लिए उपलब्ध करवाने में असफलता मिलती है। इस दिशा में ‘मातृभाषा.कॉम‘ ने पहल की है,इस पटल के माध्यम से हिन्दी के प्राथमिक ककहरा से लेकर अन्य विधाओं का परिचय करवाते हुए साहित्य को समृद्ध बनाना है। स्वयं सेवा के माध्यम से सम्पादकीय विभाग बनाया गया जो नवांकुर और स्थापित रचनाकारों का सृजन पाठकों तक पहुंचा रहा है। अंतरजाल की सह संस्थापिका डॉ प्रीति सुराना है जो साहित्य प्रकल्प का संचालन करती है।

३१ दिसंबर २०१६ तक पटल के प्रारंभिक दौर में ५० रचनाकार जुड़ें। इसके बाद पटल के माध्यम से हिंदी में हस्ताक्षर करने के बारे में जागरूकता शुरू की गई, जिसे ‘हस्ताक्षर बदलों अभियान’ नाम दिया गया। स्थापना का एक वर्ष पूरा होते-होते मातृभाषा.कॉम में ८०० से अधिक रचनाकारओं की २५०० से ज्यादा रचनाएँ प्रकाशित हुई है।

मातृभाषा.कॉम पर हिन्दी साहित्य की विधाओं जैसे साहित्य, काव्यभाषा, आलोचना, संस्मरण, यात्रा, लघुकथा, उपन्यास, व्यंग्य, पुस्तक समीक्षा, साक्षात्कार, हायकू आदि के साथ-साथ वैश्विक चिंतन, राष्ट्रीय एवं समसामयिक मुद्दों पर टिप्पणियाँ, अर्थ, फिल्म, विधि, खेल, स्वास्थ्य,धर्म-दर्शन, मीडिया,आधी आबादी आदि विषयों पर भी सामग्री संयोजित है।

वर्तमान में अंतरजाल पर १२०० से अधिक रचनाकारों का लेखन उपलब्ध है जिसमें भारत के प्रसिद्द रचनाकारों जैसे डॉ.वेद प्रताप वैदिक, डॉ.दिविक रमेश, राजकुमार कुम्भज, प्रभु जोशी जी, डॉ.प्रकाश हिन्दुस्तानी, डॉ मोहसिन खान, मधुदीप गुप्ता, सहित भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, स्वराज अभियान के योगेंद्र यादव, फिल्म अभिनेता आशुतोष राणा सहित कई नाम हैं। और भारत के २९ राज्यों के रचनाकार जुड़े है। इसी कारण से मातृभाषा.कॉम वर्तमान में संचालित समस्त अन्तरतानों में सर्वाधिक प्रचलित और सुव्यवस्थित स्रोतो में से एक है।

मातृभाषा.कॉम‘ का उद्देश्य

  1. ‘मातृभाषा.कॉम’ काउद्देश्यहिंदी साहित्य को विश्व के हर कोने में सुलभ कराना है जिससे विश्व भर में फैले हिंदी प्रेमी अपनी सुविधानुसार इसका रसास्वादन और अध्ययन कर सकें।
  2. हमाराउद्देश्य होगा कि विश्व के हर कोने में हिंदी साहित्य की रचना में संलग्न लेखकों को एक मंच पर लाया जा सके जहाँ वे अपने अनुभवों और रचना प्रतिभा का आदान प्रदान कर सकें और इस प्रकार हिंदी के विकास में सहायक बनें।
  3. हिंदीसाहित्य की लोकप्रियता को विश्व के समक्ष प्रस्तुत करना तथा नए लेखकों की रचनाएँ प्रकाशित कर के उन्हें प्रोत्साहित करना।

मातृभाषा.कॉम की विकास यात्रा

  1. ११नवम्बर २०१६ को आरम्भ हुआ मातृभाषा.कॉम ।
  2. ३१ दिसंबर २०१६ तक ५० रचनाकार जुड़ें ।
  3. २१ फरवरी २०१७ को अंतराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मनाया ।
  4. हिंदीमें हस्ताक्षर करने हेतु आंदोलन का आरम्भ किया ।
  5. ३१ मार्च २०१७ तक १०० से अधिक रचनाकारों को पटल से जोड़ा ।
  6. १४ सितम्बर २०१७ को हिंदी दिवस के दिन हस्ताक्षर हस्ताक्षर बदलो अभियान से १ लाख लोग जुड़े
  7. तब तक २ लाख पाठक मातृभाषा.कॉम से जुड़े ।
  8. २७ अगस्त २०१७ को अंतरा शब्दशक्ति और मातृभाषा.कॉम की सहकार्यता आरम्भ हुई
  9. २८ सितम्बर २०१७ को मातृभाषा.कॉम द्वारा काव्य गोष्ठी आयोजित की गई।
  10. २९ नवम्बर २०१७ को कश्मीर में हस्ताक्षर बदलों अभियान का आरम्भ हुआ ।
  11. ७ दिसम्बर २०१७ को हिन्दीग्राम की नींव रखी गई।
  12. २० दिसंबर २०१७ को हिन्दीग्राम और मातृभाषा.कॉम को योगगुरु स्वामी रामदेव जी का आशीष प्राप्त  हुआ।
  13. १३ जनवरी २०१८ को विश्व पुस्तक मेला-दिल्ली में मातृभाषा.कॉम की सहभागिता रही ।
  14. ३ फरवरी २०१८ को डॉ वेद प्रताप वैदिक के मुख्य आतिथ्य में इंदौर में अंतरा शब्दशक्ति सम्मान  २०१८ आयोजित हुआ जिसमे मातृभाषा.कॉम के प्रथम काव्य संग्रह मातृभाषा.कॉम का विमोचन हुआ।
  15. ८ मार्च २०१८ को अंतराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में महिलाओं पर केंद्रित पुस्तक अंतरा  शब्दशक्ति प्रकाशन और वुमन आवाज के सहयोग से विमोचित हुई।
  16. ३१ मई २०१८ को अंतरा शब्दशक्ति प्रकाशन और मातृभाषा के साझा प्रयासों से काव्य संध्या  आयोजित की गई और ४६ किताबों का विमोचन हुआ।
  17. ४ सितम्बर २०१८ को ६६ किताबों का विमोचन और ५५ महिलाओं का सम्मान  किया गया।
  18. पांचलाख से अधिक पाठकों और १२०० से अधिक रचनाकारों का स्नेह मातृभाषा.कॉम को मिला।

उल्लेखनीय गतिविधियाँ/ उपलब्धियाँ/ प्रतिभागिता:

मातृभाषा.कॉम के द्वारा हिंदी रचनाकारों को मंच देने के उद्देश्य से ‘मातृभाषा.कॉम’ साझा संग्रह भी निकाला गया था साथ ही समय समय पर काव्य गोष्ठियां , परिचर्चा भी आयोजित की जाती है। इसी अंतरजाल के माध्यम से लगभग ३ लाख से अधिक लोगों ने प्रतिज्ञा पत्र देकर  हिन्दी में हस्ताक्षर करने की प्रतिज्ञा ली है। वार्षिक रुप से यह संस्था हिन्दी रचनाकारों को प्रोत्साहन स्वरुप सम्मानित भी करती हैं।

पता: एस- २०७, नवीन भवन, इंदौर प्रेस क्लब परिसर,  महात्मा गाँधी मार्ग, इंदौर (म.प्र.) ४५२००१

अणुडाक: matrubhashaa@gmail.com  संपर्क: +91-9406653005 | 9009465259 | 7067455455

वेबसाइट / ब्लॉग: www.matrubhashaa.com

सूचनास्रोत:

https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%AE%E0%A4%BE%E0%A4%A4%E0%A5%83%E0%A4%AD%E0%A4%BE%E0%A4%B7%E0%A4%BE_%E0%A4%89%E0%A4%A8%E0%A5%8D%E0%A4%A8%E0%A4%AF%E0%A4%A8_%E0%A4%B8%E0%A4%82%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%A5%E0%A4%BE%E0%A4%A8

http://copnews.in/?tag=%E0%A4%AE%E0%A4%BE%E0%A4%A4%E0%A5%83%E0%A4%AD%E0%A4%BE%E0%A4%B7%E0%A4%BE-%E0%A4%89%E0%A4%A8%E0%A5%8D%E0%A4%A8%E0%A4%AF%E0%A4%A8-%E0%A4%B8%E0%A4%82%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%A5%E0%A4%BE%E0%A4%A8

https://www.bhaskar.com/mp/dhamnod/news/MP-MAT-latest-dhamnod-news-022002-1304368-NOR.html

https://www.punjabkesari.in/aapki-kalam-se/news/hindi-anti-shivraj-government-758550

https://www.jagran.com/bihar/supaul-educational-activities-17542240.html

https://www.bhaskar.com/rajasthan/jaipur/news/RAJ-JAI-HMU-MAT-latest-jaipur-news-025002-1063079-NOR.html

एक अनुरोध

*एक अनुरोध*
हम सभी जैन किसी न किसी तरिके से जिन आराधना जरुर करते है, उसके साथ ही एक और आराधना स्वरुप ही कार्य है जिसमें *जैन तीर्थ ,मंदिर, उपाश्रय, स्थानक* आदि की जानकारी सहज रुप से उपलब्ध करवाना |
हम चाहे *दिगंबर/श्वेतांबर/स्थानक वासी/ मंदिरमार्गीय/तेरापंथी या अन्य* किसी भी मत को मानने वाले हो परन्तु अंतत: है तो *महावीर प्रभु के अनुयायी ही…*
हम सब चाहे तो एक छोटा-सा कार्य करके भी जिन प्रभावना में उत्कृष्ट योगदान दे सकते है |
सहज रुप से सभी इंटरनेट का उपयोग करते है, यदि हम जहाँ भी रहते है या किसी भी गाँव, नगर, प्रान्त में जाते है और हमारे आस-पास कोई *जैन तीर्थ ,मंदिर, उपाश्रय, स्थानक, भोजनशाला, धर्मशाला, यात्री निवास आदि* है तो उसकी जानकारी गुगल मेप पर अपलोड करें | वहाँ की तस्वीर, सम्पर्क सूत्र आदि यदि सहज उपलब्ध हो जाये तो सोने पर सुहागा होगा |
गुगल मेप पर जानकारी अपलोड करना बेहद ही आसान है, यदि तकनिकी रुप से कोई तकलिफ आती है तो आप मुझसे सम्पर्क भी कर सकते है, व्हाटस्अप पर 9406653005 | या जानकारी मुझे प्रेषित कर दीजिए हम अपलोड कर देंगे |
गुगल मेप पर अपलोड करने से यह लाभ होगा कि भविष्य में यदि कोई हमारा साधार्मिक व्यक्ति या परिवार उस क्षेत्र में तीर्थयात्रा या प्रभु दर्शन करना या स्थानक आदि जाना चाहेगा और गुगुल पर jain temple near me या jain sthanak near me करेगा तो उसके आस-पास की जानकारी उसे सहज उपलब्ध हो सकेगी और उसकी जिन आराधना, भक्ति, जैन भोजन या तीर्थ दर्शन की असीम खोज सम्पन्न हो सकेगी |
जिन प्रचार में आपका समय अर्पण होने का लाभ वर्षों तक जीवंत भी रहेगा | क्योंकि समय अब इंटरनेट क्रान्ति का है, हम इस बहाने ही सही पर जिनशासन के इस पुनित कार्य में सहभागी बन रहें है..
शहरों में आमतौर पर *जैन तीर्थ ,जिन मंदिर, उपाश्रय, स्थानक* आदि खोजने में बहुत समस्या आती है, शहर में नए आए जैन परिवारों की आराधना भी सम्पन्न नहीं हो पाती है, अत: आपसे अनुरोध है कि अगली बार जब भी किसी *जैन तीर्थ ,मंदिर, उपाश्रय, स्थानक* जाएं तो उसकी एक बार जानकारी गुगल पर चेक कर ले, नहीं उपलब्ध होने पर पाँच मिनिट खर्च कर उसे अपलोड कर जिन साधार्मिक भक्ति में सहयोगी बनें |
यदि आपको गुगल में अपलोड करने पर कोई भी समस्या आती है तो तुरंत मुझे 9406653005 पर व्हाटसअप करें या 7067455455 पर फोन कर लेवे, परन्तु जानकारी जरुर अपलोड करें |

आपका,
*अर्पण जैन ‘अविचल’*
www.arpanjain.com
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उक्त मेसेज ज्यादा से ज्यादा जैन ग्रुप में भेज कर जिनशासन गरिमा के डिजीटलाईजेशन में सहभागी बनें |
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हस्ताक्षर बदलो अभियान की शुरुआत

इंदौर । अहिल्या नगरी इंदौर के हिन्दीभाषी लोगों द्वारा संस्था ‘मातृभाषा’ के साथ ‘अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस’ मनाया गया। इसमें हिन्दी पोर्टल ‘मातृभाषा डॉट कॉम’ से जुड़े साथियों ने महात्मा गांधी (रीगल टाकीज) चौराहा पर गाँधी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर हस्ताक्षर बदलो अभियान की शुरुआत की गई।

यहाँ पर जनजागरण के लिए हिन्दी में हस्ताक्षर करने का अनुरोध करते हुए आमजन को पत्रक बांटे गए। सभी ने आमजन को पत्रक देकर अनुरोध किया कि,अपने दैनिक कामकाज में अधिक-से-अधिक हिन्दी भाषा का उपयोग करें,ताकि यह मातृभाषा भारत की राष्ट्रभाषा के रुप में स्थापित हो सकेे। सभी से आग्रह किया गया कि,अपने हस्ताक्षर हिन्दी में ही करें। इस दौरान संस्थापक अर्पण जैन ‘अविचल’, अजय जैन ‘विकल्प’ सहित गौरव जोशी, सौरभ जोशी, चेतन बेण्डाले, उदित माहेश्वरी,सौरभ मिश्रा, इरशाद ख़ान, रईस मलिक आदि उपस्थित रहे।

arpan jain avichal