सवाल तो विधान का था…

सवाल तो विधान का था… ●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●● ■ डॉ अर्पण जैन ‘अविचल’ हस्तिनापुर के अनुबंध और करार में बंधें गुरू द्रोणाचार्य ने जब वनवासी बालक और क्षेत्रीय काबिले के सरदार के पुत्र को धनुर्विद्या सीखाने से इंकार कर दिया तो वही वनवासी बलवान एकलव्य गुरु द्रोण की मूर्ति से धनुर्विद्या सीखने लगा और पारंगत होने पर […]


अहद प्रकाश जी को जन्मदिन की बधाई

शुभ जन्मदिवस अहद प्रकाश जी अक्षरों को टटोलते-टटोलते जो शब्द ढूंढ लेते है और शब्दों से गढ़ते है ग़ज़ल ,कविता या गीत, और कभी तो पुस्तकों से मकरंद ढूंढ कर लिख देते है समीक्षाएँ,सच ही है कि जो शब्दों से, भावनाओं से और पुस्तकों से इश्क करते हो उनका नाम *अहद प्रकाश जी* है। बड़े […]


हिन्दी योद्धा

हिन्दी योद्धा रत्नगर्भा भारत की धरा पर सदा से ही माँ, मातृभाषा और मातृभूमि के प्रति व्यक्ति के कर्तव्यबोध का व्याकरण बना हुआ है। हमारे यहाँ का ताना-बाना ही संस्कार और संस्कृति के प्रति अपने कर्तव्यों के निर्वाहन का बना है। हमारे यहाँ धर्मग्रन्थ भी ‘जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी’ के सिद्धांत का प्रवर्तन करते है। […]