दुःख की गगरी के पार महादेवी वर्मा

_पुण्यस्मरण विशेष_ दुःख की गगरी के पार महादेवी वर्मा *डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’*   न लिबास कोई गेरुआ, न किसी संत के सम्मुख दीक्षित, लिखा वही जो देखा, रंगों के उत्सव के दिन जन्मी पर ताउम्र एक रंग ही भाया। गद्य भी लिखे, पद्य भी लिखे, प्रेम भी लिखा, विरह भी समझाया, आदि भी लिखा, […]