लघुकथा- चुनौती

*चुनौती*
सुन निगोड़ी… रोज सुबह उठ कर कहा चली जाती है, रोज के काम करना ही नहीं चाहती,
घर के बर्तन, कपड़े, खाना बनाना ये सब कौन करेगा…? तेरी माँ???
नौकरी से ज्यादा जरुरी घर का काम भी है…

रमा की सास ने रमा को डाँटते हुए कहा.. इसी बीच रमा का पति आकर कहने लगा…

*’रमा इस बार मकान की किश्त तुम तुम्हारी तनख्वाह से चुका देना, मेरी तन्ख्वाह इस बार भी नहीं मिली है……😔’*

अब चुनौती रमा के लिए यह है कि सास के काम में हाथ बटाएं या नौकरी करके घर चलाएं…?

*डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’*

हिन्दीग्राम, इंदौर

दैनिक लोकजंग में प्रकाशित आलेख

भोपाल से प्रकाशित दैनिक लोकजंग में मेरा आलेख-
‘तर्क के आरोहण के बाद बनेगा हिन्दी राष्ट्रभाषा का सूर्य’

तर्क के आरोहण के बाद बनेगा हिन्दी राष्ट्रभाषा का सूर्य

हस्ताक्षर बदलो अभियान की शुरुआत

इंदौर । अहिल्या नगरी इंदौर के हिन्दीभाषी लोगों द्वारा संस्था ‘मातृभाषा’ के साथ ‘अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस’ मनाया गया। इसमें हिन्दी पोर्टल ‘मातृभाषा डॉट कॉम’ से जुड़े साथियों ने महात्मा गांधी (रीगल टाकीज) चौराहा पर गाँधी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर हस्ताक्षर बदलो अभियान की शुरुआत की गई।

यहाँ पर जनजागरण के लिए हिन्दी में हस्ताक्षर करने का अनुरोध करते हुए आमजन को पत्रक बांटे गए। सभी ने आमजन को पत्रक देकर अनुरोध किया कि,अपने दैनिक कामकाज में अधिक-से-अधिक हिन्दी भाषा का उपयोग करें,ताकि यह मातृभाषा भारत की राष्ट्रभाषा के रुप में स्थापित हो सकेे। सभी से आग्रह किया गया कि,अपने हस्ताक्षर हिन्दी में ही करें। इस दौरान संस्थापक अर्पण जैन ‘अविचल’, अजय जैन ‘विकल्प’ सहित गौरव जोशी, सौरभ जोशी, चेतन बेण्डाले, उदित माहेश्वरी,सौरभ मिश्रा, इरशाद ख़ान, रईस मलिक आदि उपस्थित रहे।

arpan jain avichal